मैंने देखा है खौफ से डरते हुए लोगों को
दिमाग समझ नहीं पता है, उन अजीब से लम्हों को
खौफ से इंसान का चेहरा पसीने से भर जाता है
इंसान ठीक होता है लेकिन खौफ से डर जाता है.
खौफ हमें मौत के पास छोड़ आता है
मौत के मुंह से शायद ही किसी को बचना आता है
अकेले रहने से खौफ बढता जाता है
साथ रहने से खौफ घट जाता है
अब तो खौफनाक जगह बढती जा रही हैं
तभी इंसान की जिंदगी घटती जा रही है
एक बार खौफ से हम भी तो जकड़ गए
जब मम्मी ने उठाया तो रात में अकड़ गए
मौत के खौफ से इंसान जीना छोड़ दे ?
मिर्च के खौफ से इंसान खाना छोड़ दे ??
Rajneet
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