Sunday, October 3, 2010
lab work
"लैब वर्क"
कंप्यूटर और ड्राविंग दिवारों की शोभा बढ़ाते हुए , लैब की रोज़मर्रा का एक हिस्सा बन चुका है कला जिसमे सबने अपने हाथ आजमाए और कुछ-कुछ बनाते हुए दिवारों को सजाया .
Saturday, October 2, 2010
एक गावँ की बात है।
एक गावँ था और उस गावँ का एक नियम था कि जो भी इस गावँ पर राज करेगा उसे एक साल के बाद राज और गावँ दोनों छोड़ने पड़ेंगे।
गावँ वाले उस राजा को जंगलों मे छोड़ दिया करते थे फिर एक नये साल एक नया राजा बनता था और उसके साथ भी वही नियम दोहराया जाता, जिससे कि गावं में कोई भी एसा शख्स नही बचा था जो उस गावं का राजा बनना चाहता हो।
अब गावं के लोग अलग-अलग गावँ में राजा की तलाश करने लगे कि कोई हमारे गावं का राजा बन जाए लेकिन कोई भी उस गावं का राजा बनने को राज़ी नही था। ऐसे में उन्हें एक साधू बाबा मिले गांव वालों ने अपनी बात को साधु बाबा के आगे रखा और उनको राजा बनने का न्यौता दिया, साधु बाबा उस गाव का राजा बनने को तैय्यार हो गए। सब लोग बहुत खुश हो गए और साधु बाबा राजा बन गए।
धीरे- धीरे साधु बाबा का राज करने का समय खत्म होता जा रहा था तब साधू बाबा ने अपने मंत्री को ये हुक़्म दिया कि जल्द से जल्द जगंल के सारे पेड़ कटवा दो और वहा एक महल बनाने का काम शुरू करवा दो। जगल कुछ ही महिनों में साफ हो चुका था जंगल के सभी जानवरों को भगा दिया गया।
एक चमकता हुआ महल बन कर तैय्यार हो गया।
जब एक साल हो गया और राजा के आगे राज छोड़ने का प्रस्ताव रखा गया तो साधु बाबा हँसने लगे और राज छोड़ने को तैय्यार हो गऐ। जब गावं के लोग उनको लेकर जंगल पहुचे तो उन्होनें वहां एक आलीशान महल देखा जो साधु बाबा का था, साधु बाबा की चतुराई देखकर लोग खुश हो गए और साधु बाबा को हमेशा के लिए अपना राजा बना लिया।
सोनू भगैल.
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